Case #34 - सम्पर्क और विश्वसनीयता


नाथन एक तगड़ी काठी का, विचारशील आदमी था जिसकी उपस्थिति बड़ी स्पष्ट और मजबूत थी. उसका मुद्दा विश्वसनीयता था. उसे नहीँ लगता था कि वह दूसरों के साथ विश्वसनीय था. वो लगभग कभी बहस या लड़ाई नहीं करता था . वह घर पर और दफ्तर में दूसरों के साथ बहुत सहयोगी था .

उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि उसके बड़े भाई तथा बहन के बीच लड़ाई की थी. जबकि अपने परिवार में उसको एक अच्छे लड़के का स्थान मिला था. बचपन में दो अवसरों ने उसे प्रभावित किया था. एक तब जब उसे अपने बड़े भाई पर बहुत गुस्सा आया था, और उसने उस पर कुछ फेंक कर मारा था, जिससे उसकी आँख जाते-जाते बची थी. और, दूसरा जब उसने स्कूल एक लड़के को मारा था, जिसने बाद में उसके घर आ कर उसका चेहरा नोच डाला था . तब से उसने अपने को रोक कर रखा था और किसी को नहीं मारता था. उसने मुझे यह कह कर चौका दिया कि उसे अपने ऊपर विशवास नहीँ था. मैं हैरान था क्यों कि वह अपने शरीर के हिसाब से एक शक्तिशाली आदमी था .

मउसने मुझे बताया कि उसके पास अपने बारे में दूसरों की बहुत ही तीखी प्रतिक्रियाए थी, इसलिए वह उन्हें अपने पास ही रखना चाहता था. इसलियें, मैने उसे विश्वसनीयता प्रक्रिया बताई जिसे पहले मैने उसके साथ ही की. उसके तीन भाग थे – वो क्या सोचता था, वो क्या महसूस करता था और दूसरों से वह क्या चाहता था. मैने यह प्रक्रिया उसके साथ की और उसने मेरे साथ. वह इसे आसानी से कर सका था. मैंने इसे एक विश्वसनीय गोष्ठी बताया. इसे जारी रखने से एक विश्वसनीय वार्तालाप होगा और यह अंत में एक विश्वसनीय संबंध बनेगा.

मफिर मैंने उसे समूह में तीन लोगों के साथ ये प्रक्रिया करने को कहा. पहली तो बहुत सीधी-साधी थी. दूसरे में एक औरत ने उसे बहुत जटिल प्रतिक्रिया दी. वह घबरा गया, और इसलिये मैंने उसे एक भावुक व्यक्तव्य के साथ प्रतिक्रिया देने को कहा. मैंने उसे विशेषतया औरतों को प्रतिक्रिया देने के लिए एक फार्मूला दिया : गोष्ठी के पहले विश्वसनीय व्यक्तव्य के बाद उसे हरेक उस व्यक्तव्य के लिए, जो उसके दिमाग में आये, तीन भावुक व्यक्तव्य देने थे.

मफिर उसने इस चीज का एक और व्यक्ति के साथ अभ्यास किया . मैंने उससे पूछा कि उसको यह कैसा लगा था; उसने उत्तर दिया कि आसान. इससे यह पता चलता था कि उसे सिर्फ थोड़ी दिशा बताने कि आवश्यकता थी, कुछ दिशानिदेश, और अभ्यास के लिए सहारा. एक आदमी की तरह उसे स्पष्ट निर्देश पसंद थे. जैसे कि किसी के पास बहुत सारी छुपी हुई शक्ति हो, और उसे सुरक्षित तरीके से केवल बाहर निकालने कि जरूरत हो . उसे यह भरोसा था कि वह प्रक्रिया के अभ्यास को जारी रख पायेगा.

निस्संदेह, हम उसके परिवार से उत्पन्न हुई स्थिति पर या उसकी दुविधा पर भी काम कर सकते थे. लेकिन यह ऐसा दखल था जो उसके वर्तमान एवं भविष्य पर केन्द्रित था, और इसने उसे तत्काल ही सफलता का अनुभव दिया. यह इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि इसने उसके आत्मविश्वास को उभारा था. इसने उसे एक आनुभविक तरीके से सीखने का मौक़ा भी दिया, जिससे कि वह अपने लिए एक विश्वसनीय सम्पर्क प्रक्रिया को खोजता रहे. सम्पर्क गेस्टाल्ट कि सिद्धांत और अभ्यास के लिए एक मुख्य पहलू हैं और वह इस सत्र का केन्द्रीय विषयवस्तु था.



 प्रस्तुतकर्ता  Steve Vinay Gunther