Case #24 - 24 छोड़ा हुआ बच्चा


सत्र की शुरुआत में मैंने कुछ समय जेन के साथ जुड़ने में व्यतीत किया । मैंने देखा उसने पीले/सोने के रंग का टाप पहना हुआ था । उसने कहा कि उसे भड़कीले रंग अच्छे लगते हैं, वो जोश लाते हैं जिससे उदासी से निपटने में सहायता मिलती है । जेन ने बताया कि कैसे वो उत्साही और तेज लोगों के बीच रहना पसन्द करती है; अगर वो ऐसे लोग नहीं हैं उसे उनमें कोई रुचि नहीं होती ।

मैंने उससे पूछा कि वह किसके साथ काम करना चाहती थी - उसने बताया कि व्यापार, पिता और प्रेमी । मैंने उसको एक को चुनने के लिये कहा और उसने व्यापार को चुना । व्यक्ति कुछ भी चुने वो ठीक है, और वह अपने लक्ष्य के बहुत करीब हो सकता है । मैंने उससे पूछा दर-असल मुद्दा क्या था – उसने कहा कि वह आत्मकेन्द्रित है और जो उसे चाहिये उसके पीछे लग जाती है, बिना दूसरों की परवाह किये । मैंने व्यापार में इसके सकारात्मक पक्ष को स्वीकार किया और समझ में आया कि कैसे यह दूसरों को अखर सकती है । फिर उसने खु्लासा किया कि उसे बहुत इच्छा है कि दूसरों से सम्मान मिले, और ये कि वास्तव में उसे गोद लिया गया था । उसके अपने माता-पिता ने उसको एक पुल के नीचे छोड़ दिया था ।

इसने मेरे लिये चीजों को महत्वपूर्ण ढंग से बदल दिया । ऐसे महत्वपूर्ण और मुश्किल पड़ाव के खुलासे का ये मतलब है कि वो मुझ पर व्यक्तिगत और ह्रदय के अंदर की बातों के लिये भरोसा कर रही है । इसको सिर्फ उसके बारे में कुछ उपयोगी और उपयुक्त सूचना समझने और उसके आत्मकेन्द्रित होने के संदर्भ में लेने के बजाय, मैंने इसे उसकी सम्माम पाने की इच्छा, जो उसने कहा था कि जिसकी उसे जरूरत है, एक गहरी अन्तर्वेदना के रुप में लिया । मैंने फिर उसके उत्साह की आवश्यकता को भी समझ लिया । मैंने उससे पूछा कि वो क्या महसूस कर रही थी लेकिन वो कुछ भी बता नहीं पाई । इसके अलावा ऐयर कंडिनशर के कारण उसकी टाँगे भी ठंडी पड़ रहीं थी । इसलिये मैंने उससे संबंध में ठंडेपन के बारे में पूछा, और उसे बताया कि जो वह संबंध में चाहती थी, वह उसमें पाये गये उत्साह के विरुद्ध था ।

मलेकिन मैं इस बारे में बात करके समय व्यतीत नहीं करना चाहता था । मैंने उससे पूछा कि वो पुल के नीचे कब तक पड़ी रही । वो नहीं जानती थी, इसलिये मैंने उसे अनुमान लगाने के लिये कहा । उसके विचार में एक दिन के लिये । स्पष्टत:, उस समय के दौरान वो ठंडी पड़ गई होगी ।

अइसलिये, उससे उसके साथ हुई उस कटु घटना के बारे जान कर, मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि कुछ अलग ही हुआ हो । मैंने उससे पूछा कि क्या मैं उसके पास आ सकता था और क्या वो अपना सिर मेरे कंधे पर रख सकती थी । उसने कहा, हाँ, और यही वो चीज थी जिसके लिये वो तड़प रही थी ।

मइसलिये, हमने ऐसा ही किया और मैंने उससे साँस लेकर अपने अंदर जो भी गर्मी ले सकती थी लेने के लिये कहा । इसके लिये कुछ समय लगा; कुछ समय के लिये वो ऐसा नहीं कर पाई । लेकिन फिर उसने शुरू किया; उसका साँस जल्दी-जल्दी चलने लगा, शिशुओं की तरह । अंत में वो धीमी पड़ी; मैंने उससे पूछा वो क्या महसूस कर रही थी । उसने कहा, गर्म लेकिन उसकी टाँगें अभी तक ठंडी थी । इसलिये मैंने उन्हे कपड़े से ढक दिया, और हम आगे बढ़ते रहे । उसने बताया कि उसके पेट में से आवाजें आ रही हैं । मैंने उससे उसके अनुभव के बारे में पूछा, उसने कहा कि वो अपना वजन घटाने की कोशिश कर रही थी और उसे भूखे रह पाने की कोशिश में बड़ी मुश्किल हो रही थी । स्पष्टत:, यह उसकी भावात्मक सौहार्द की भूख थी । इसलिये मैंने उसके पेट पर हाथ रख कर उस सौहार्द में साँस लेने के लिये कहा ।

हमने यह कुछ अधिक देर के लिये किया और उसे चेतावनी देते हुए मैं पीछे हट गया । उसने बताया कि वह बहुत सारी कार्यशालाओं में गई थी पर उसके मुद्दों पर ऐसी प्रतिक्रिया कहीं नहीं मिली थी ।

गेस्टाल्ट की प्रक्रिया अभी और यहाँ का संबंध तथा उसके कार्यक्षेत्र का संदर्भ, तथा उसमें क्या अनुपस्थित है, द्वारा निदेशित है । उसने जिस बारे में भी बात की थी, वो सब एक साथ पता चल गये – मान्यता की आवश्यकता, सौहार्द की इच्छा, उसकी भूख और अधिक खाना, उसका अपने हित को बचा पाना ।

इसलिये मैंने उसको बहुत गहराई से मान्यता प्रदान की जो मैं कर सकता था, ज्यादातर गैर-संवादी, और स्पर्श के स्तर पर; क्योंकि शिशु के साथ संवाद ज्यादातर गैर-संवादी स्पर्शिय स्तर पर ही होता है ।

सुविधाजनक काम इलाज में उपयोगी हो सकता है, लेकिन सबसे गहरा बदलाव संबंध के माधयम से ही आता है । आसामी की संबंधात्मक जरूरतों के अनुकूल बनना एक मुख्य उपाय है, और फिर एक ऐसा तरीका निकालना, जिससे उन आवश्यकताओं की पूर्ति हो, एक बहुत गहरे प्रभाव के रुप में परिलक्षित होता है।



 प्रस्तुतकर्ता  Steve Vinay Gunther