Case #11 - 11 माता, पिता, महिला-मित्र


जोहन को अपनी महिला मित्र के साथ पक्की तरह वचनबद्ध होने में मुश्किल महसूस हो रही थी । वो अपने संबंध के बारे में आश्वस्त नहीं था । उसका एक सपना था । वह और उसकी महिला-मित्र प्रेम करते थे । उसके माता और पिता उसके साथ थे । उसके पिता जो आत्मविश्वासी एवँ मजबूत थे, एक जवान आदमी थे ।

वह अनिश्चय की स्थिति में था, वह नहीं चाहता था कि उससे उसको गर्भ ठहर जाये । उसके पिता आगे आये तथा उसने चैन महसूस किया । यदि आप फरुइडियन होते तो आपने मैदान मार लिया होता, लेकिन गेस्टाल्ट के साथ हम अलग ही तरीके से चलते हैं । गेस्टाल्ट एकीकरण तथा स्वामित्व के बारे में है, इसलिये हम सपने के सभी हिस्सों की जाँच करते हैं । यह हमें आपके विचारों की भिन्नता तथा तुम्हारे अंदर तक पैठ करने देता है ।

इसलिये मैं उसे कहता हूँ कि वह स्वयँ सपने का हरेक हिस्सा बने । वह स्वयँ सपने का हिस्सा बनने में कुछ संकोच कर रहा था और आगे नहीं बढ़ रहा था । वह महिला-मित्र बन कर, दिल से सभी कुछ चाह रहा था, बिना किसी महत्व के । पिता की तरह वह खुला हुआ, स्पष्ट तथा स्वस्थ था । माता की तरह वह कपटी, रहस्यपूर्ण, दिखने की चाह के बिना, खुद को छुपा रही थी । एक सामंजस्य था – पिता का महिला मित्र के साथ, दोनों ही विश्वास से भरे हुए और पक्के, तथा उसमें और उसकी माँ में, दोनों ही अनिश्चितता की स्थिति में, जो पक्के न हो, छुपने वाले । यह ठीक लगता था क्योंकि जब वह बड़ा हो रहा था तो उसकी माँ उसकी तरफ से उदासीन रहती थी । इसलिये हमने इस उदासीनता को परखा, जिसे हम 'भावुक शून्यता' कहते हैं, उसका संवेदनाशून्य पक्ष ।

उसने इसको अपने उदासी के अनुभवों और विशेषतया निरथर्कता के साथ जोड़ा । उसको अपनी उदासीनता की जानकारी से सक्षमता मिली, जैसा कि वह देख रहा था कि यह कुछ ऐसी मौलिकता के बारे में है जिसे वो अपने संबंध में लाया था । कुछ अलग अनुभव के लिये उसे स्वयँ को जोश में लाने के लिये किसी बाहरी साधन के बिना (महिला मित्र) कुछ तरीके ढूंढने पड़ेगें ।

यह जानकारी के नियमों, गेस्टाल्ट के जिम्मेदारी के मत तथा 'क्या है' के साथ होने पर आधारित है । उसकी उदासीनता कुछ ऐसी चीज नहीं है जो बदल जायेगी – यह उसके संबंधों के साथ व्यव्हार में निहित है । लेकिन वह अपनी जानकारी और चुनाव करने की प्रवृति को बढ़ा सकता है, और समझ सकता है कि कैसे वह संबंधों में दिखाई देती है ।



 प्रस्तुतकर्ता  Steve Vinay Gunther