Case #31 - धनिष्ठता के लिये यौन-ापार


लुई ने कहा कि उसे अपने संबंध में ज्यादा जुनून चाहिये था । उसके पति का 5 वर्ष पहले एक प्रेम-प्रसंग था । वह लगभग एक वर्ष तक रहा । उसने उसे स्वीकारा और अपने घुटनों पर बैठ कर माफी माँगी और उस प्रेम-प्रसंग को समाप्त कर दिया । उसके बाद से चीजें धीरे-धीरे अच्छी हो रही थीं , लेकिन अभी भी लुई के कुछ मुद्दे बाकी थे ।

जब उसके पति ने उसे पहली बार प्रेम-प्रसंग के बारे में बाताया था तो उसने विवेकशील तरीके से उत्तर दिया, उससे ये पूछ कर कि क्या वह शादी को तोड़ रहा था या नहीं । उसका स्थिति से निपटने का तरीका एकदम से स्थिति को आँकना था, और यह जानना था कि उसका पति और वह कहाँ पर खड़े थे । वह बचाव की एक अच्छी शुरूआती युक्ति थी । लेकिन बाद में उसको बहुत उदासी महसूस हुई । अभी कुछ दिनों से, उसे बहुत गुस्सा भी आ रहा था ।

लेकिन यह ऐसा कुछ नहीं था जिसको उसने उठाया था । उसके पति ने उससे कहा था कि यदि वह अभी भी गुस्सा थी तो वह उसको छोड़ने के लिये तैयार था (अपने अपराधबोध के कारण) । इसलिये उसे यह डर था कि वह अभी भी उसको छोड़ सकता था यदि वह अपनी भावनाएँ दर्शाती है । लेकिन यह बात उसे खाये जा रही थी । और यद्यपि उनके संबंध में बहुत सी अच्छी बातें हैं, वह दोबारा उससे ठीक तरह से खुल नहीं पाई थी, यौन-क्रिया के स्तर को ले कर – उसने कुछ थोड़ा-बहुत छुपा लिया था । मैंने उससे पूछा कि वो यौन-क्रिया कितनी बार करते हैं – महीने में लगभग 4 बार । मैंने उससे पूछा कि वो कितनी देर बात करते हैं – औसतन लगभग आधा घंटा प्रतिदिन ।

मैंने उसको अपने पति के बौद्धिक भावुक स्तर का मूल्यांकन करने के लिये कहा । उसने 3 बताया । अब यह मुझे स्पष्ट हो गया था कि उसका पति उसकी बात वैसे नहीं सुनेगा जो इन परिस्थितों में वह उससे चाहती थी । उस पर अपनी भावनाओं को प्रकट करने के लिये काम करने से कोई लाभ नहीं था; यह उसका अपना कुछ गुस्सा बाहर निकाल सकती थी, लेकिन वास्तव में यह उनकी घनिष्ठता को बढ़ा नहीं सकता था क्योंकि उसके पति से उसे कुछ खास मिलने वाला नहीं था। और उसके पति से ये बात किये बिना कि उसके साथ क्या हो रहा था, उनका संबंध कुछ स्तही स्तर पर ही रहेगा ।

गेस्टाल्ट 'क्षमायाचना' पर काम नहीं करता, यद्यपि यह 'क्या है' पर जोर देता है । लेकिन इस मामले में, बहुत से अन्य विकल्प थे जिनके बारे में उसे पता नहीं था । लुई एक अधयापक थी, और उसने बताया कि उसने अपने पढ़ाने की शैली को अभी हाल ही में बदला था जिसमें 'चाहिये और नहीं चाहिये' को छोड़ दिया था, और उसने अपनी कक्षा में एक धीमा और महत्वपूर्ण बदलाव पाया था । इसी के साथ-साथ वह स्वयं को भी खोज रही थी ।

इसलिये, मैं यह जानता था कि उसके पास अपने साधन हैं, और वह स्पष्ट रुप से अपने विकास के ऊपर कार्य कर रही थी । लेकिन इससे वास्तव में यह बात उन दोनों के संबंध के बीच नहीं आई थी । मेरा धयान उन दोनों के संबंध के मुद्दे पर था, बजाय लुई के साथ अंतरात्मिक तौर पर या मेरे साथ पारस्परिक तौर पर भी । इसलिये मैने उसे कुछ गृहकार्य करने का सुझाव दिया । मूलत: यह एक सौदा था ; धनिष्ठता के लिये अधिक यौन-क्रिया ।

ममैंने सुझाव दिया कि वो अपने पति से कहे कि वह ज्यादा यौन-क्रिया चाहती थी, और अधिक नजदीकी चाहती थी । उसे यह सब इसलिये करना था क्योंकि वह ज्यादा धनिष्ठता चाहती थी ।

मइसलिये, उसे पाने के लिये वह दोनों रोजाना ½ घंटा साथ में व्यतीत करें जिससे कि उनके संबंध में धनिष्ठता पैदा हो। मैंने उसे बहुत से विकल्प बताये – छोटी-छोटी बातों पर एक दूसरे से विश्वसनीय ढंग से बातचीत करने का अभ्यास करना; एक साथ कोई किताब पढ़ना और उस पर वार्ता करना; किसी व्यायाम का अभ्यास एक साथ करना, जैसे कि सुनना, या भावनओं को जाहिर करना; एक-दूसरे के गुस्से की बात सुनने के लिये एक-दूसरे को मौका देना; या फिर उस समय में कुछ चीजों को एक साथ करना जिससे कि उनकी नजदीकी और आपसी जुड़ाव की भावना बढ़े ।

मैं उससे सहमत था कि यह अनुचित था । वो एक तरीके से अधयापक का किरदार कर रही थी, इसके लिये योजना बना रही थी और उसको अपने तरीके से करने की कोशिश कर रही थी ताकि वह अपना गुस्सा सुरक्षित तरीके से जता सके । यह उचित नहीं था, क्योंकि वह उस तरह से दोगुना कार्य कर रही थी । परन्तु, इसके कुछ और अनगिनित गौण फायदे भी होंगें, और इससे वह अपने संबंध में भावुकता लाने के अपने लक्ष्य को भी पा लेगी । इसका नतीजा ये होगा कि वह दोनों एक ही पृष्ठभूमि पर होंगें, बजाय इसके कि इससे उसको अपनी व्यक्तिगत जागरुकता ही मिले । इस दृष्टिकोण में 'एक जोड़े के संबंध पर एक ही व्यक्ति द्वारा काम करने' का इस्तेमाल किया गया ।

अर्थात, जब हम किसी आसामी के साथ काम कर रहे होते हैं तो हम संबंध को सबसे आगे रखते हैं । उनके ऊपर केन्द्रित होने के बजाय, हम यह देखते हैं कि संबंध को कैसे मजबूत करें । बहुत सारी भावनाएँ, पहचान और कहानियाँ एक जोड़े के संबंध का नतीजा हैं । इसलिये, एक ही तरफ बदलाव ला कर हम संबंध में बदलाव ला सकते हैं, बजाय इसके कि हम एक ही व्यक्ति के अनुभव पर केन्द्रित हों । यह एक समुचित दृष्टिकोण को अपनाना है, हिस्सों पर काम करने की बजाय पूरे मुद्दे पर काम करना ।

यह बहुत ही स्वार्थी लगता था कि व्यवहार को बदलने के लिये यौन-क्रिया को इस्तेमाल किया जाये – लेकिन लोग ऐसा बिना जाने ही करते हैं । जो हमने किया है उसकी जिम्मेवारी लेना और संबंधों में सबसे आगे लाना दूसरे व्यक्ति को दर-असल विकल्प दे देता है । उस तरीके से ऐसा प्रस्ताव कोई जोड़-तोड़ नहीं है, लेकिन इसके बजाय एक इमानदार प्रस्ताव है । और इस संदर्भ में किसी चीज के लिये ऐसा लेन-देन जोड़े के संबंध को प्रगाढ़ करेगा ।



 प्रस्तुतकर्ता  Steve Vinay Gunther